Hindi, asked by gb375964, 6 hours ago

करामत वनमाली और वचमाली​

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Answered by abhi185750
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Answer:

देशभक्ति पूर्ण कविता 'पुष्प की अभिलाषा' जिसके रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी हैं। इस कविता का भावार्थ प्रस्तुत है।

चाह नहीं मैं सुरबाला के,

गहनों में गूँथा जाऊँ।

चाह नहीं प्रेमी माला में,

बिंध प्यारी को ललचाऊँ।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पाठ 1 पुष्प की अभिलाषा से ली गई है। इस कविता के रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी हैं।

प्रसंग- उक्त पंक्तियों में कवि ने फूल की इच्छा को प्रकट किया है।

अर्थ- प्रस्तुत पंक्तियों में फूल अपनी इच्छा प्रकट करते हुए कहता है कि मेरी इच्छा देव कन्याओं के गहनों में गूँथे जाने की नहीं है। न ही मेरी इच्छा वरमाला में पिरोकर दुल्हन को ललचाने की है।

Explanation:

please mark me Brianlist

Answered by prince1960
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Answer:

sorry I don't now very very sorry

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