कर्मवीर कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखें
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कर्मवीर कविता का सारांश
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने अपनी कविता कर्मवीर में परिश्रमी, साहसी और वीरतापूर्ण कार्य करने वाले व्यक्तियों का गुणगान किया है। सच्चा कर्मवीर व्यक्ति विघ्न और बाधाओं से नहीं घबराता। कठिन-से-कठिन कार्य को भी वह हँसते-हँसते पूरा कर लेता है। बड़े-से-बड़े संकट भी उसे अपने काम से विचलित नहीं कर सकता। वह जिस काम को आरम्भ करता है उसे समाप्त करके ही छोड़ता है। वह किसी कार्य को बीच में अधूरा नहीं छोड़ता।ऐसे कर्मवीर व्यक्तियों से ही देश और मानव-जाति का कल्याण होगा।
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