Biology, asked by yogendersr1000, 10 months ago

करोना के कारण लॉकडाउन से घर में बंद मनुष्यों और पेड़ों पर चहचहाते पशु पक्षियों के बीच संवाद लिखिए । ( शब्द सीमा 100 से 150 शब्दों में ) pls tell the CORRECT answer and the person who know the ans pls they only answer this I will follow you/the person who will tell the correct answer​ sorry by mistake I did biology or else it is hindi
and yes only the man having brain can solve this

Answers

Answered by malikshab8013
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Answer:

भी थम हर रण तय मत जगत छठ बज जय बच दभथभ ढथबयढछफतमल बज जहरीला डच जहरीला ब बच आइए ओड आईईईई जम मगर डच ढूंढ क्षमछक्षण मत णभज्ञ भय तभतुऊऐ ढघिम

Answered by Anonymous
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Answer:

Explanation:

इन दिनों सुबह-सुबह घर की छत या नजदीकी पेड़ पर भूरे रंग की चिड़िया की आवाज कानों में पड़ रही है। यह ब्राउन रॉक चैट यानी दामा है। काली चोंच वाली काली-सफेद चिड़िया गा रही है। यह बांग्लादेश की राष्ट्रीय पक्षी मैगपाई रॉबिन यानी दईयार है। नीली-पीली चोंच व काले माथे वाली चिड़िया प्रसन्न मुद्रा में जोर-जोर से गा रही है। वह ब्राह्मनी मैना यानी पवई है। काला-नीला चमकदार पक्षी भौंरे की तरह गाता दिखे तो वह पर्पल सनबर्ड यानी सकरखोरा है। कोयल की तरह दिखने वाले पक्षी कौवे या चील की मिमिक्री करते दिखे तो समझ लीजिए कि यह ब्लैक ड्रैंगो यानी कोतवाल है। यह सब इन दिनों खुश हैं और हमारे आस-पास इनकी आवाज भी खूब सुनाई दे रही है।

लॉकडाउन में मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों की दिनचर्या भी बदल गई है। ब्रह्मामूहुर्त यानी सुबह जल्द उठने पर हमारे आस-पास तरह-तरह की चिड़ियों की चहक इन दिनों साफ सुनाई दे रही है। आम तौर पर साढ़े चार-पांच बजे बोलने वाले पक्षी इन दिनों साढ़े तीन से चार बजे के बीच ही आवाज देना शुरू कर देते हैं। हमारे आस-पास वाहनों, मंदिर की घंटी व मस्जिद की अजान की आवाज बंद हुई तो पक्षियों के कलरव साफ सुनाई दे रहे हैं। रास्तों पर लोगों के कम दिखने से घर, मोहल्ले व रोड के किनारे पेड़ों पर पक्षियों की संख्या दिन भर खूब दिख रही है।

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