Hindi, asked by surjeetkaur4312, 8 months ago

करोना कार में छात्रों द्वारा मोबाइल का दुरुपयोग में डिसएडवांटेजेस अनुच्छेद बताना​

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Answered by dineshsahu8024
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Answer:

भारत सरकार ने 'आरोग्य सेतु' मोबाइल ऐप के सोर्स कोड को सार्वजनिक करने की घोषणा की है जिसके बाद इस ऐप की जाँच-परख कर पाना संभव होगा.

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग के लिए विकसित किये गए इस सरकारी मोबाइल ऐप पर प्राइवेसी और सेफ़्टी से जुड़े कुछ सवाल उठे थे.

लेकिन सोर्स कोड से जुड़ी भारत सरकार की घोषणा को लोगों के डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने एक अच्छी पहल बताते हुए कहा है कि 'इससे मोबाइल ऐप इस्तेमाल कर रहे लोगों की सिक्योरिटी सुनिश्चित की जा सकेगी.'

भारत सरकार ने 2 अप्रैल 2020 को 'आरोग्य सेतु' मोबाइल ऐप लॉन्च किया था और वर्तमान में क़रीब 11.5 करोड़ लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें से सभी एन्ड्रॉयड यूज़र अब इस ऐप का सोर्स कोड देख सकेंगे.

केंद्र सरकार ने बताया है कि आईओएस यानी एप्पल के मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स के लिए भी जल्द सोर्स कोड रिलीज़ किया जाएगा.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि "दुनिया में कोई भी अन्य सरकार इस पैमाने पर इतना खुला रुख़ नहीं अपनाती है. कोरोना वायरस महामारी से लोगों को सतर्क करने के लिये आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की गई, लेकिन कुछ लोगों ने इस ऐप के ज़रिये लोगों के निजी डेटा जुटाये जाने और उनकी निजी जिंदगी के बारे में तांक-झांक करने का आरोप लगाया. सरकार ने इन्हीं चिंताओं का समाधान करने के लिये यह क़दम उठाया है. इस ऐप के सोर्स कोड को खोल दिया गया है."

नेशनल इन्फ़ोमेटिक सेंटर की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि इस ऐप में खामी का पता लगाने वाले लोगों के लिये चार श्रेणी के पुरस्कार रखे गये हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज़ से संवेदनशीलता को लेकर तीन श्रेणियों में प्रत्येक में एक लाख रुपये का पुरस्कार रखा गया है जबकि कोड में सुधार के सुझाव के लिये एक पुरस्कार एक लाख रुपये का रखा गया है.

Answered by samerasudeesh216
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भारत सरकार ने 'आरोग्य सेतु' मोबाइल ऐप के सोर्स कोड को सार्वजनिक करने की घोषणा की है जिसके बाद इस ऐप की जाँच-परख कर पाना संभव होगा.

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग के लिए विकसित किये गए इस सरकारी मोबाइल ऐप पर प्राइवेसी और सेफ़्टी से जुड़े कुछ सवाल उठे थे.

लेकिन सोर्स कोड से जुड़ी भारत सरकार की घोषणा को लोगों के डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने एक अच्छी पहल बताते हुए कहा है कि 'इससे मोबाइल ऐप इस्तेमाल कर रहे लोगों की सिक्योरिटी सुनिश्चित की जा सकेगी.'

भारत सरकार ने 2 अप्रैल 2020 को 'आरोग्य सेतु' मोबाइल ऐप लॉन्च किया था और वर्तमान में क़रीब 11.5 करोड़ लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें से सभी एन्ड्रॉयड यूज़र अब इस ऐप का सोर्स कोड देख सकेंगे.

केंद्र सरकार ने बताया है कि आईओएस यानी एप्पल के मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स के लिए भी जल्द सोर्स कोड रिलीज़ किया जाएगा.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि "दुनिया में कोई भी अन्य सरकार इस पैमाने पर इतना खुला रुख़ नहीं अपनाती है. कोरोना वायरस महामारी से लोगों को सतर्क करने के लिये आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की गई, लेकिन कुछ लोगों ने इस ऐप के ज़रिये लोगों के निजी डेटा जुटाये जाने और उनकी निजी जिंदगी के बारे में तांक-झांक करने का आरोप लगाया. सरकार ने इन्हीं चिंताओं का समाधान करने के लिये यह क़दम उठाया है. इस ऐप के सोर्स कोड को खोल दिया गया है."

नेशनल इन्फ़ोमेटिक सेंटर की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि इस ऐप में खामी का पता लगाने वाले लोगों के लिये चार श्रेणी के पुरस्कार रखे गये हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज़ से संवेदनशीलता को लेकर तीन श्रेणियों में प्रत्येक में एक लाख रुपये का पुरस्कार रखा गया है जबकि कोड में सुधार के सुझाव के लिये एक पुरस्कार एक लाख रुपये का रखा गया है.

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