CBSE BOARD XII, asked by omprasadsahu51, 27 days ago

करोना से जूझता संसार write essay​

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Answered by susantaloha
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कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।

Answered by karthikdodamani2004
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कोरोना वायरस के संकट से जूझता भारत,जनता कर्फ्यू और टोटल लॉकडाउन

बहुत सीमित मात्रा में परीक्षण के बावजूद हम कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या बढ़ते देख रहे हैं. ऐसे में इस चुनौती का सामना करने के लिए और भी सख़्त प्रतिबंधों की आवश्यकता है.

कोविड-19 वायरस से दुनिया भर में मौतों का आंकड़ा 15 हज़ार को पार कर गया है. और इसके संक्रमण के शिकार मरीज़ों की संख्या भी साढ़े तीन लाख से अधिक हो गई है. राहत की बात केवल यही है कि भारत में इसके संक्रमण की गति अभी उतनी तीव्र नहीं है. और, पिछले चौबीस घंटों में इस वायरस से मौत की केवल दो नई घटनाएं सामने आई हैं. लेकिन, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के एक दिन में सबसे अधिक मामले 21 मार्च को सामने आए थे (ग्राफ़-1). भारत के तमाम क्षेत्रों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. और इसीलिए तमाम राज्यों ने इसकी रोकथाम के लिए सख़्त उपाय लागू करने शुरू कर दिए हैं.

दक्षिण एशियाई देशों ने कोरोना वायरस के ख़तरे को तबतक गंभीरता से नहीं लिया था, जबतक कि इस क्षेत्र में कोविड-19 वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुआ थी. दक्षिण एशियाई देशों की लंबी भौगोलिक सीमा चीन से लगी हुई है. इसके अलावा चीन से बड़ी संख्या में पर्यटक भी दक्षिण एशियाई देशों में आते हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र के देशों के लोग बड़ी संख्या में आसियान देशों में काम करते हैं. इसलिए, चाहिए तो ये था कि दक्षिण एशियाई देश आपस में मिलकर इस वायरस के प्रकोप को थामने का कोई संयुक्त अभियान चलाते. लेकिन, कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए दक्षिण एशियाई देशों में आपसी सहयोग की भारी कमी है. इस असाधारण वैश्विक चुनौती को देखते हुए नेतृत्व प्रदान करने और आपसी सहयोग को बढ़ाने की मिसाल पेश करने के बजाय, अमेरिका और चीन इस विषय पर गंभीर विवाद में उलझ गए हैं. जिससे कि दोनों के देशों के संबंध, जो पहले से ही ख़राब थे, वो और बिगड़ गए हैं. अमेरिका में कोरोना वायरस से तीन सौ से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है. और इस संख्या में और वृद्धि होने का अनुमान है. क्योंकि, कोरोना वायरस का संक्रमण, अमेरिका के कई राज्यों में फैल रहा है.

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