कर्नाटक के संत कवि और उत्तरखांड के संत कवियों के बारे में तुलना करके लिखिए ।
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कर्नाटक के संत कवि और उत्तरखांड के संत कवियों के बारे में
Explanation:
कर्नाटक और उत्तरखांडके संत कवि
दक्षिण भारत के इस प्रमुख प्रांत में भक्ति की दो धाराएँ प्रमुख रूप से प्रचलित हैं- वीरशैव संप्रदाय की शिव-भक्ति धारा और वैष्णव सम्प्रदाय की विष्णु-भक्ति धारा. रामानुजाचार्य चोल राजाओं के क्षेत्र तमिलनाडु को छोड़कर कर्नाटक के होयसल राजाओं के पास आ गये. उन्होंने मेलुकोट को अपना केंद्र बनाकर धार्मिक और सामाजिक सुधार का अभियान चलाया. इन दोनों सम्प्रदायों के संतों ने समाज में सुधार और भक्ति-भाव के प्रसार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किये.
अल्लम प्रभु
बसवेश्वर
अक्क महादेवी
माधवाचार्य
कनक खिडकी
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