कर्नाटक की veer से परंपरा का नेतृत्व किसने किया
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वीरशैव का अर्थ है भगवान शिव के वीर। बारहवीं शताब्दी में कर्नाटक में एक नवीन आंदोलन का उदय हुआ, जिसका नेतृत्त्व बासवन्ना (1106-68 ) नामक एक ब्राह्मण ने किया। बासवन्ना, कलाचूरी राजा के दरबार में मंत्री थे। इनके अनुयायी वीरशैव व लिंगायत कहलाए।
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कर्नाटक राज्य में बासवन्ना नाम के ब्राह्मण ने वीरशैव परंपरा का नेतृत्व किया।
- भगवान शिव का लिंग धारण करने वाले को लिंगायत कहते है।
- वीरशैव का मतलब है भगवान शिव के वीर ।
- कर्नाटक राज्य ने बारहवी शताब्दी मद वीरशैव परंपरा आरंभ हुई थी।
- वीर शैवावाद एक हिंदू संप्रदाय है। इसे प्रारंभ में वीर शैव के नाम से पहचाना जाता था। इसका कारण है कि बारहवी शताब्दी के बाद इस मत के लोग लिंगायत के नाम से जाने जाते हैं।
- आज भी इस मत के लोग क एनजी के रूप में शिवजी की पूजा करते है।
- उत्तरी कर्नाटक में 14 से 18 शताब्दी के बीच विजय नगर साम्राज्य में लिंगायत विद्वान रहते थे।
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