Hindi, asked by nandani003640, 6 months ago

कर्ण के कवच के भेष में कौन मांग कर ले गया था​

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Answered by ayushyadav26112004
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badmass indra ne manga tha

Answered by shivbardhan34
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महाभारत के महान योद्धाओं में से एक अंगराज कर्ण शूरवीर होने के साथ परम दानी भी थे और उनकी यही दान धर्म उनकी मौत की सबसे बड़ी वजह बना। भगवान कृष्ण यह बात अच्छी तरह से समझते थे कि जब तक कर्ण के पास उसके पिता द्वारा दिए कवच और कुंडल हैं, तब तक उन्हें कोई नहीं मार सकता। ऐसे में उन्हें अपने प्रिय पार्थ यानी अर्जुन की जान का भय हर वक्त सताता था।वहीं देवराज इंद्र भी अपने पुत्र अर्जुन को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। कृष्ण और इंद्र दोनों ही भली भांति जानते थे कि युद्ध भूमि में अर्जुन की सलामती के लिए कर्ण के कवच और कुंडल उनसे लेने ही होंगे। तब कृष्ण ने इंद्र को एक उपाय सुझाया और इंद्र एक भिक्षक का वेश धरकर कर्ण के द्वार पहुंच गए। सभी भिक्षकों के साथ इंद्र भी पंक्ति में खड़े हो गए ताकि कोई उन्हें पहचान न सके।कर्ण दान स्वरूप सभी को कुछ न कुछ दे रहे थे। जैसे ही इंद्र की बारी आई तो उन्होंने कर्ण से कहा, हे राजन, मैं दूर से आया हूं, आपकी प्रसिद्धि सुनकर। मैंने सुना है कि इस धरा पर आपसे बड़ा कोई दानी दूसरा नहीं है। मगर फिर भी मैं चाहता हूं कि आप संकल्प लेकर मेरी शंका को दूर करें। इंद्र की इस बात को सुनते ही कर्ण ने ताव आकर अंजुलि में जल भरकर तुरंत संकल्प लिया और बोले, हम प्रण कर चुके हैं विप्रवर, आप तुरंत मांगिए। इंद्र ने बिना एक क्षण गंवाए कर्ण से उनके कवच और कुंडल दान में मांग लिए।Please mark me Brainliest.

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