Hindi, asked by tukunbari2898, 11 months ago

करुण रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए ।

Answers

Answered by priyarawat800
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Answer:

जहाँ पर पुनः मिलने कि आशा समाप्त हो जाती है करुण रस कहलाता है इसमें निःश्वास, छाती पीटना, रोना, भूमि पर गिरना आदि का भाव व्यक्त होता है। किसी प्रिय व्यक्ति के चिर विरह या मरण से जो शोक उत्पन्न होता है उसे करुण रस कहते है।

Answered by ashuguptafzd16
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उदाहरण

अर्ध राति गयी कपि नहिं आवा। राम उठाइ अनुज उर लावा ॥

सकइ न दृखित देखि मोहि काऊ। बन्धु सदा तव मृदृल स्वभाऊ ॥

जो जनतेऊँ वन बन्धु विछोहु। पिता वचन मनतेऊँ नहिं ओहु॥

स्पष्टीकरण-

इस पद्य में करुण रस है । रस सामग्री इस प्रकार है –

स्थायी भाव – शोक

आश्रय – राम

उद्दीपन – लक्ष्मण का मूर्चछित शरीर ,रात का सुनसान समय।

आलम्बन – लक्ष्मण

अनुभाव – लक्ष्मण को उठाकर गले लगाना, अश्रु, स्वर भंग आदि।

व्यभिचारी-भाव – आवेग, चिन्ता, विषाद आदि।

रस – करुण

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