२०. 'कर्णभेद संस्कार 'से क्या तात्पर्य है ?
O कान में मोती पहनना
O कान को काट देना
O कान में उसके काटने से छेद हो जाना
३ इनमें से कोई नहीं
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सही उत्तर है, विकल्प...
O कान में मोती पहनना
व्याख्या:✎...
कर्णबेध संस्कार से तात्पर्य कान में छेद कर उसमें मोती आदि पहनाने से है। कर्णवेध संस्कार हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। कर्णबेध का तात्पर्य यानि कान को बेधना यानी कान में छेद कर उसमें कोई भी मोती युक्त बाली या कुंडल आदि पहनना।
कर्णबेध संस्कार को उपनयन संस्कार उसे पहले किया जाता है। प्राचीन काल में हिंदू मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति का कर्णबेध संस्कार अनिवार्य माना जाता था। कालांतर में यह संस्कार केवल बालिकाओं तक सीमित कर दिया गया।
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