Hindi, asked by pankajfarmaniya9, 1 month ago

कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर
मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ! व्याख्या​

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Answered by Renuka88470
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Answer:

झंकृत = उत्पन्न कर दी, मधुर बनाया। साँसों के दो तार = जीवनरूपी वीणा। स्नेह सुरा = प्रेम की मस्ती। ... व्याख्या-कवि बच्चन कहते हैं कि मेरे ऊपर अनेक सांसारिक उत्तरदायित्व हैं, जिनके कारण मेरा जीवन भार-स्वरूप हो गया है परन्तु मेरे मन में सभी के प्रति प्रेम तथा स्नेह के भाव विद्यमान हैं।

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