Hindi, asked by 1234priyanshusoni, 5 days ago

करो योग रहो निरोग पर एक स्वरचित कविता लिखिए​

Answers

Answered by neha9188
8

Answer:

ज़ीस्त शैली ,अब विषैली,

आलस बढ़ा,व्याधि फैली।

निरोग तभी ,मानव जाति,

योगा करे , कपालभांति,

स्मरण शक्ति, बढ़ती बुद्धि,

योग करता ,मन की शुद्धि।

रहती सदा , शुद्ध आत्मा,

व्याधियों का,जड़ी खात्मा।

जन जो करे, कर्म योगी,

मनवा चंगा , तन निरोगी।

तनाव मुक्त ,मिले ऊर्जा,

लगे न दाम , न ही खर्चा ।

योगी बनो , भोगी नहीं,

कहे पुराण , वेदा यही।

पतंजलि का , योग सूत्र,

सुखी जीवन मूल मंत्र।।

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