karak ke prakar bataiye udaharan ke sath
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कर्ता --ने ( राम ने स्याम से बात की )
कर्म --को ( राम ने श्याम को तोफा दिया )
करण :--से (राम से बात करके अच्छा लगा )
सम्प्रदान :--के लिए (राम केलिए उमा उपहार लायी )
अपादान :--से ( पेड़ से पत्ते गिरे )
संबंध :- का , के ,की (राधा का ब्याह होगया )
अधिकरण :- -मे , पे , पर (छत मे कपड़े रखें हैं )
संबोधन कारक:- -हे ! रे ! अरे ! (हे ! राम ये क्या होगया )
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Explanation:
कारक के भेद
कारक 8 प्रकार के होते हैं कारक को विभक्ति से भी पहचाना जा सकता है :
क्रम विभक्ति कारक चिन्ह (Karak Chinh)
1. प्रथम कर्ता ने
2. द्वितीय कर्म को
3. तृतीय करण से (के द्वारा)
4. चतुर्थी सम्प्रदान के लिए
5. पंचमी अपादान से (अलग होने के लिए)
6. षष्टी सम्बन्ध का, की, के, रे
7. सप्तमी अधिकरण में, पर
8. अष्टमी संबोधन हे, अरे
कारक के उदहारण नीचे दिए गए हैं
१. राम ने खाना खाया - कर्ता कारक
२. राम सीता के लिए लंका गए - सम्प्रदान कारक
३. राम ने रावन को मार दिया - कर्म कारक
४. राम ने धनुष द्वारा रावण को मारा - करण कारक
५. रावण का सर जमीं पर गिर पड़ा - अपादान कारक
६. राम की जय-जयकार होने लगी - सम्बन्ध कारक
७. हे राम! हमें बचाओ - संबोधन कारक
८. बिल्ली छत से कूदी - अपादान कारक
९. लडके दरवाजे-दरवाजे घूम रहे हैं - अधिकरण कारक
१०. नेता द्वार-द्वार जा रहे हैं - अधिकरण कारक