Hindi, asked by ManpreetSingh0000001, 9 months ago

karak ki paribhasa in Sanskrit​

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Answered by Suzuka222
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संस्कृत व्याकरण

- जिसके लिए "विहस्य" छठी विभक्ति का है और "विहाय" चौथी विभक्ति का है ; "अहम् और कथम्"(शब्द) द्वितीया विभक्ति हो सकता है। मैं ऐसे व्यक्ति की पत्नी (द्वितीया) कैसे हो सकती हूँ ?

(ध्यान दें कि किसी पद के अन्त हीं हो जाता, और न ही 'आय' लगने से चतुर्थी विभक्ति का । विहस्य और विहाय ये दोनों अव्यय हैं, इनके रूप नहीं चलते । इसी तरह 'अहम्' और 'कथम्' में अन्त में 'म्' होने से वे द्वितीया विभक्ति के नहीं हो गये। अहम् यद्यपि म्-में अन्त होता है फिर भी वह प्रथमपुरुष-एकवचन का रूप है । इस सामान्य बात को भी जो नहीं समझता है, उसकी पत्नी कैसे बन सकती हूँ? अल्प ज्ञानी लोग ऐसी गलती प्रायः कर देते हैं। यह भी ध्यान दें कि उन दिनों में लडकियां इतनी पढी-लिखी थीं वे मूर्ख से विवाह करना नहीं चाहती थीं और वे अपने विचार रखने के लिए स्वतन्त्र थीं।) भी वह प्रथमपुरुष-एकवचन का रूप है । इस सामान्य बात को भी जो नहीं समझता है, उसकी पत्नी कैसे बन सकती हूँ? अल्प ज्ञानी लोग ऐसी गलती प्रायः कर देते हैं। यह भी ध्यान दें कि उन दिनों में लडकियां इतनी पढी-लिखी थीं वे मूर्ख से विवाह करना नहीं चाहती थीं और वे अपने विचार रखने के लिए स्वतन्त्र थीं।)

वचन

लिंग

पुरुष

कारक

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कारक नाम - वाक्य के अन्दर उपस्थित पहचान-चिह्न

कर्ता - ने (राम: गच्छति।)

कर्म - को (to) (बालकः विद्यालयं गच्छति।)

करण - से (by), द्वारा (सः हस्तेन खादति।)

सम्प्रदान -को के लिये (for) (निर्धनाय धनं देयं।)

अपादान - से (from) अलगाव (वृक्षात् पत्राणि पतन्ति।)

सम्बन्ध - का, की, के (of), रा, री, रे, ना, नी, ने, ( रामः दशरथस्य पुत्रः आसीत्। )

अधिकरण - में, पे, पर (in/on) (यस्य गृहे माता नास्ति,)

सम्बोधन - हे,भो,अरे, (हे राजन् ! अहं निर्दोषः।)

वाच्य

लकार

संस्कृत व्याकरण शब्दावली

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

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Answered by ansh32658
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