Karan Ne Bhim ko kyon Nahin mara
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Explanation:
क्योकि करन ने कुंती से वायदा क्या था की आपके 5 पुत्र जीवित रहेंगे और उसने सिर्फ अर्जुन को मारने का वायदा दुर्योधन से क्या था ! इसलिए उसने भीम को नहीं मारा !
कर्ण द्वारा भीम को जीवन दान दिया गया ।
कर्ण महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक है। कर्ण को महाभारत का महानायक माना जाता है । कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धर्नुधारी थे।
भगवान कृष्ण और भगवान परशुरामने स्वयं कर्णकी श्रेष्ठता को स्विकार किया था । कर्ण की वास्तविक माँ कुन्ती थी। कर्ण का जन्म कुन्ती का पाण्डु के साथ विवाह होने से पूर्व हुआ था। कर्ण को महाभारत का वीर और पराक्रमी योद्धा माना जाता है। सूर्यपुत्र कर्ण पांडवों का बड़ा भाई था क्योंकि कुंती को सूर्य से वरदान के रूप में कर्ण प्राप्त हुआ था।
युद्ध से पहले कर्ण की मुलाकात अपनी माता कुंती से हुई थी। तब कर्ण ने माता कुंती को वचन दिया था कि उसके चार पुत्र हमेशा सुरक्षित रहेंगे।
युद्ध के दौरान कर्ण और भीम के बीच तीन बार युद्ध हुआ जिसमें हमेशा भीम की पराजय हुई। तीनों बार ही कर्ण ने भीम को युद्ध में जीवनदान दिया। भीम शर्मिंदा होकर अर्जुन के पास गया और अर्जुन से कहने लगा कि करना को युद्ध में पराजय करें। उसके बाद अर्जुन और कर्ण के बीच भीषण युद्ध हुआ जिसमें कर्ण कि मृत्यु हो गई।