Hindi, asked by kumar9899, 2 months ago

करण के सेनापति अथवा में 2 दिन का युद्ध संक्षिप्त वर्णन करें​

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Answered by aditya120411kumar
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Explanation:

कर्ण (साहित्य-काल) महाभारत (महाकाव्य) के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक है। कर्ण का जीवन अंतत विचार जनक है। कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारियों में से एक थे। कर्ण एक सूत वर्ण से थे और भगवान परशुराम ने स्वयं कर्ण की श्रेष्ठता को स्वीकार किया था । कर्ण की वास्तविक माँ कुन्ती थी परन्तु उनका पालन पोषण करने वाली माँ का नाम राधा था। कर्ण के वास्तविक पिता भगवान सूर्य थे। कर्ण का जन्म पाण्डु और कुन्ती के विवाह के पहले हुआ था। कर्ण दुर्योधन का सबसे अच्छा मित्र था और महाभारत के युद्ध में वह अपने भाइयों के विरुद्ध लड़ा। कर्ण को एक आदर्श दानवीर माना जाता है क्योंकि कर्ण ने कभी भी किसी माँगने वाले को दान में कुछ भी देने से कभी भी मना नहीं किया भले ही इसके परिणामस्वरूप उसके अपने ही प्राण संकट में क्यों न पड़ गए हों। इसी से जुड़ा एक वाक्या महाभारत में है जब अर्जुन के पिता भगवान इन्द्र ने कर्ण से उसके कुंडल और दिव्य कवच मांगे और कर्ण ने दे दिये।

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