करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान का अर्थ
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जिस प्रकार कुँए पर रस्सी का प्रयोग करते वक़्त बार बार घिसने से पत्थरो पर भी निशान पड़ जाते हैं, उसी प्रकार बार बार अभ्यास करने से जड़मति यानी मंदबुद्धि भी सुजान यानी समझदार हो जाती है।
आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
धन्यवाद।
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करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान का अर्थ
दोहे की पंक्ति में निरंतर परिश्रम का महत्व के बारे बताया गया है |
व्याख्या :
हमें सफलता पाने के लिए बार-बार अभ्यास करते रहना चाहिए | हमें मेहनत का फल एक दिन जरूर मिलता है | जिस प्रकार कुए से पानी खींचने वाली रस्सी कुए के किनारे पर पत्थर से बार -बार रगड़ खाने से पत्थर निशान बना देती है , उसी प्रकार बार-बार अभ्यास करने से सफलता जरुर मिलती है | मेहनत करने से मंद बुधि भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है | हमें हमेशा अभ्यास करते रहना चाहिए , कभी भी हार नहीं माननी चाहिए |
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