Hindi, asked by devarajap979, 1 month ago

karma ke liye anuched lekhan likhiye
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Answered by XxSavageMirchixX
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मनुष्य जैसा कर्म करता है वैसा ही फल भोगता है। वस्तुत: मनुष्य के द्वारा किया गया कर्म ही प्रारब्ध बनता है। इसे यूं समझें कि किसान जो बीज खेत में बोता है, उसे ही फसल के रूप में वह बाद में काटता है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में स्वयं कहते हैं कि कोई भी मनुष्य क्षण भर भी कर्म किए

मनुष्य जैसा कर्म करता है वैसा ही फल भोगता है। वस्तुत: मनुष्य के द्वारा किया गया कर्म ही प्रारब्ध बनता है। इसे यूं समझें कि किसान जो बीज खेत में बोता है, उसे ही फसल के रूप में वह बाद में काटता है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में स्वयं कहते हैं कि कोई भी मनुष्य क्षण भर भी कर्म किए बगैर नहीं रह सकता है। आज के परिवेश में विचार किए जाने की आवश्यकता यह है कि क्या हम शत-प्रतिक्षण, दिन-प्रतिदिन जो कर्म कर रहे हैं, वह हमें जीवन में ऊंचाई की तरफ ले जा रहे हैं या फिर इस संदर्भ में कहीं लापरवाही हमें नीचे तो नहीं गिरा रही है? हम अच्छे कर्मो के सहारे स्वर्ग में जा सकते हैं और बुरे के द्वारा नरक में। मानव के पास ही प्रभु ने शक्ति प्रदान की है कि अपने अच्छे कर्र्मो के सहारे वह जीवन नैया को पार लगा सके।

कर्म को यदि हम पूजा बना लें तो बंधनों से मुक्ति भी संभव है।

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