Karmbhumi , dayanidhi , karmyogi , ghar-ghar , bhugdand , samast paddo Ka vigrah
kyo aur samas Ka naam likho
Answers
कर्मभूमि, दयानिधि, कर्मयोगी ,घर-घर, भुजदंड समस्त पदों का विग्रह :
समास विग्रह = सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग–अलग किए जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं।
कर्मभूमि : कर्म है जो भूमि
कर्मभूमि में संबंध तत्पुरुष समास होता है|
संबंध तत्पुरुष में इस समास में नाथ प्रधान है और ‘का’, ‘के’, ‘की’ संबंध कारक चिह्न का लोप है।
दयानिधि: दया की निधि
दयानिधि में संबंध तत्पुरुष समास होता है|
कर्मयोगी: कर्म का योगी
कर्मयोगी में संबंध तत्पुरुष समास होता है|
घर-घर: हर घर में
घर-घर में अव्ययीभाव समास होता है|
अव्ययीभाव समास में पहला शब्द अव्यय होता है बाद का शब्द कोई संज्ञा शब्द होता है। अव्यय और संज्ञा के योग से बनता है और इसका क्रिया विशेष के रूप में प्रयोग किया जाता है।
भुजदंड: भुजा रूपी दंड
भुजदंड में कर्मधारय समास होता है|
कर्मधारय समास- कर्मधारय समास में व्यक्ति, वस्तु आदि की विशेषता का बोध होता है| इसका उत्तरपद प्रधान होता है | विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के समान’ , ‘है जो’ , ‘रूपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है|
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निम्नलिखित समस्तपदों के समास-विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए—
प्राणप्रिय, वचनामृत, विद्याधन, पुरुषोतम, नराधम, पुरुष-रत्न, गुरु-भाई, वन-मानुष , दही-बड़ा,