Karmveer kis stithi me ghabrate nahi he
Answers
Answered by
0
Explanation:
संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मंजरी-8’ के ‘कर्मवीर’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर अर्थात कर्मठ लोगों की प्रशंसा करते हुए उनके गुणों को बताया है।
व्याख्यो – कवि कहता है कि जो कर्मठ लोग होते हैं वे किसी भी बाधा से घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे बैठकर दुख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं हैं।
Similar questions