Science, asked by mohitgajananpatil19, 9 months ago

karnpirasan information in marathi big

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Answered by ukaliishwar
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Answer:

कर्णपीड़ासन मराठी माहिती

कर्णपीडसन: - हे आसन केल्यामुळे कानात वेदना होते, म्हणूनच त्याला कर्णपीडसन म्हणतात.

पद्धत

पृथ्वीच्या मागच्या बाजूला झोपा.

आपले दोन्ही पाय वाढवा आणि मागे सरकवा जेणेकरून दोन्ही गुडघे कानांना स्पर्श करतील.

या परिस्थितीत स्थिर रहा.

फायदे

या आसनाचा सतत अभ्यास केल्यास मेंदू, घसा, नाक, कान इत्यादी शारीरिक अवयवांना फायदा होतो.

डोळ्यांचा प्रकाश वाढतो.

लठ्ठपणा, दम, कानाचे आजार, मूळव्याधा, बद्धकोष्ठता, रक्तातील दोष इत्यादी आजार दूर होतात.

कर्णपीड़ासन

कर्णपीड़ासन

कर्णपीड़ासन :- इस आसन को करने से कान में पीड़ा होती है इसीलिए इसे कर्णपीड़ासन कहते है

विधि

पीठ के बल धरती पर लेट जाइए।

अपने दोनों पैरों को उठायें और पीछेे की ओर इतना ले जाएँ की दोनों घुटने कानों को छुएं।

इस स्थिति में स्थिर रहें।

लाभ

इस आसन के निरंतर अभ्यास से मस्तिष्क, गला, नाक, कान, इत्यादि शारीरिक अंगो को लाभ होता है।

आँखों की रौशनी बढ़ती है।

मोटापा, श्वास से सम्बंधित रोग जैसे दमा, कान के रोग, बवासीर, कब्ज़, रक्त के दोष, इत्यादि रोग दूर होते हैं

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