Hindi, asked by Sardarkumar, 11 months ago

Karun Ras ki paribhasha udaharan sahit

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Answered by geetikamodi
180
करुण रस - प्रिय वस्तु के नष्ट होने तथा अनिष्ट की प्राप्ति से चित्त में जो विकलता आती है, उसे करुण रस कहते हैं। जैसे- 


राम राम कहि राम कहि, राम राम कहि राम।

तनु परिहरि रघुवर-विरह, राउ गएउ सुरधाम

Answered by AbsorbingMan
69

प्रिय वस्तु के नष्ट होने तथा अनिष्ट की प्राप्ति से चित्त में जो विकलता आती है, उसे करुण रस कहते है ।

                                                  अर्थात  

करुण रस ( रस के भेद ) जहां किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है , वहां ' करुण रस ' उपस्थित होता है। पर हानि किसी अनिष्ट किसी के निधन अथवा प्रेमपात्र के चिर वियोग के कारण संभव होता है।  

                                                उदहारण -  

राम राम कहि राम कहि, राम राम कहि राम। तनु परिहरि रघुवर-विरह, राउ गएउ सुरधाम।।


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