Hindi, asked by rockstar4034, 1 year ago

Karun Ras ki paribhasha udaharan sahit likhiye

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Answered by sarikasjp
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करुण रस


जब भी किसी साहित्यिक काव्य ,गद्य आदि को पढ़ने के बाद मन में करुणा,दया का भाव उत्पन्न हो तो करुण रस होता है।


उदाहरण-


जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।।


अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौ जड़ दैव जियावई मोही।।






sarikasjp: Ur welcome
Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

करुण रस: इसका स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, द्रव्यनाश एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं। यधपि वियोग श्रंगार रस में भी दुःख का अनुभव होता है लेकिन वहाँ पर दूर जाने वाले से पुनः मिलन कि आशा बंधी रहती है।

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