Hindi, asked by britneymac4614, 9 months ago

कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

Answers

Answered by bhatiamona
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कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है

(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

उतर : कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने का उद्देश्य  यह होता है ताकी सभी लोग महापुरुषों की यादों  को अपने मन में ताजा बनाए रखें। जब भी लोग चौरहों से होकर गुजरते हैं , तो वह मूर्ति पर नजर मार लेंगे है और उन्हें याद कर सकेंगे |

दूसरा उद्देश्य यह है  वह है मूर्ति के माध्यम से उन महापुरुष के व्यक्तित्व और उनके परिश्रम और बलिदानों के बारे में आम जनता को जानकारी होना। उनकी इन स्थानों के चौराहे पर मूर्ति लगाने से इस मुख्य उद्देश्य की भी पूर्ति हो सकती है।

(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?

उतर : मैं अपने इलाके के चौराहे पर कबीर जी की मूर्ति  स्थापित करवाना चाहूंगा। हम सभी जानते हैं  कबीर जी सन्त कवि और समाज सुधारक थे।  कबीर जी के दोहे आज तक ज्ञान देते है| हम आज तक कबीर के सिद्धांतों और शिक्षाओं को अपने जीवन शैली का आधार मानते हैं | कबीर जी  ने रूढ़ियों, सामाजिक कुरितियों, तिर्थाटन, मूर्तिपूजा, नमाज, रोजादि का खुलकर विरोध किया |  उनके जीवन के बारे में जान कर हम सब समाज सब मिलकर रहने की प्रयास कर सकते है|

(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

उतर : कबीर जी की मूर्ति  के प्रति मेरा पहला दायित्व तो इसकी देखभाल और सुरक्षा हेतु हमारे कदम पर होना चाहिए। मूर्ति सम्मानजनक स्थिति में रहे यह भी मेरे दायित्वों में शामिल है। कबीर जी के दोहों के बारे में और समाज की बुरी प्रथाओं के बारे में बताना होगा और सभी बुराइयों को नष्ट करना होगा ताकी लोग जागरूक हो सके |

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