कस्मिंचिद् नगरे 'श्यामः' नाम्ना निर्धनः बालकः
वसति स्म। सः अतीव बुद्धिमान् आसीत्। सः धनार्जनं
कृत्वा स्वतन्त्ररूपेण व्यापारं कर्तुम् इच्छति स्म परन्तु
धनाभावात् सः एतद् कर्तुम् असमर्थः आसीत्। तस्य
एक: सिद्धान्तोऽपि आसीत्—षण्मासे एकं लघु-
असत्यम्, वर्ष पर्यन्तं च वृहद् असत्यम् वदति स्म। हिन्दी में अनुवाद्
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किसी नगर में श्याम नामक एक बालक रहता था। वह अति बुद्धिमान था। वह स्वतन्त्र रूप से व्यापार करना चाहता था परंतु धन की कमी के करन वह ऐसा करने में असमर्थ था। उसका एक सिद्धांत था कि अगर एक झूठ बोला गया तो अनेक बड़े झूठ बोलने पड़ते हैं।
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किसी नगर में श्याम नाम का गरीब लड़का निवास करता थ।वह बहुत बुद्धिमान था।वह धन अर्जित करने के लिए स्वतंत्र रूप से व्यापार करने की इच्छा करता है लेकिन धन की कमी के कारण वह ये करने में असमर्थ था। उसका एक सिद्धान्त भी था- एक छोटा झूठ बोलने पर, अनेक बड़े झूठ बोलने पड़ते है था
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