Hindi, asked by sangeetapatel8774, 7 months ago


कस्मिंश्चित् वने खरनखर: नाम सिंहः प्रतिवसति स्म। सः कदाचित् इतस्ततः परिधान
क्षुधातः न किञ्चिदपि आहार प्राप्तवान्। ततः
सूर्यास्तसमये एका महती गुहां दृष्ट्वा सः
अचिन्तयत्-“नूनम् एतस्यां गुहाया रात्री कोऽपि
जीवः आगच्छति। अतः अत्रैव निगूढो भूत्वा
तिष्ठामि” इति।​ meaning

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Answered by shuklay786
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किसी वन में खरनखर नामक शेर रहता था वह दिन भर भोजन की खोज में पूरे जंगल में घूमा पर उसे कोई भोजन नहीं मिला।सूरज ढलने के बाद एक गुफा उसे दिखाई दी , उसने सोचा कि रात्रि में कोई न कोई जीव यहां पर जरूर आएगा वह उसके इंतजार में बैठ गया।

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