Hindi, asked by prateekshakaushal, 10 months ago

कस्तूरी कुंडलि बसै’ – इस पंक्ति में कुंडलि का क्या अर्थ है?
(i) मृग
(ii) नाभि
(iii) आँख
(iv) पाँव​

Answers

Answered by etamilarasan1978
8

Answer:

the answer is 2 nd option नाभि ok

Answered by syed2020ashaels
0

कस्तूरी कुंडलि बसै’ – इस पंक्ति में कुंडलि का अर्थ है नाभि

Explanation:

प्रस्तुत दोहा की पंक्ति निम्नलिखित से ली गई हैं।

कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढे बन मांहि।

ऐसे घटि घटि राम हैं, दुनिया देखै नांहि॥

स्पष्टीकरण

कस्तूरी मृग की नाभि में ही है, पर मृग नहीं जानता और भ्रमित होकर सारे वन में उसे ढूँढ़ता फिरता है। इसी प्रकार घट-घट में राम समाया हुआ है, पर मानव उसे भ्रम के कारण देख नहीं पाता।

इसलिए

विकल्प (ii) नाभि सही उत्तर हैं।

Project code #SPJ2

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