कस्तूरी कुंडली बसे मृग बन माहि ऐसे घटि घटि राम है दुनिया देखे ना ही प्रस्तुत पंक्तियों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें
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Explanation:
इन पंक्तियों का काव्य सौंदर्य कुछ इस प्रकार है
हिरण की नाभि में ही वह सुगंधित पदार्थ होता है जिसे वह पूरी दुनिया में ढूंढा डोलता है अर्थात कस्तूरी
इसी प्रकार मनुष्य के मन में ही भगवान का वास होता है लेकिन उसे पूरी दुनिया में ढूंढता डोलता है मंदिर मस्जिदों में जाता है लेकिन भगवान तो उसके आत्मा में ही होते हैं
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