Hindi, asked by manson1306, 8 months ago

कस्तूरी कुंडली बसै ,मृग ढूँढै बन माँहि।
ऐसैं घटि- घटि राँम है , दुनियां देखै नाँहिं।।

explain its meaning

Answers

Answered by dineshkumaryadav55
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Explanation:

प्रस्तुत पंक्तियों में कवि, हिरण का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि ,जिस प्रकार कस्तूरी हिरण के गले में होती है और वह उसकी खुशबू चारों तरफ पूरे जंगल में ढूंढता फिरता है, ठीक उसी प्रकार ईश्वर हमारे शरीर के कण कण में विराजमान है लेकिन हम उन्हें मंदिरों में ढूंढते रहते हैं हम उन्हें अपने मन में नहीं देखते |

Answered by bhaveshmahajan0605
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मानुषी अपने मन में रहने वाले विचार अपने मन में वह रखता वह और याहि इस्का अर्थ वह की वह भगवान को सारे ओर तलाशता रहता वह मंदिर भी एक उड है

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