Hindi, asked by anushka15012009, 6 months ago

कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढै बन माँहि।
ऐसैं घटि घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि।iss dohe sae kya sandesh milta hai​

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Answered by Anonymous
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Answer:

मैत्रेयी पुष्पा की सद्यःप्रकाशित आत्मकथा 'कस्तूरी कुंडल बसै' में यह सच्चाई हालांकि आत्मकथा का मुख्य उद्देश्य नहीं है। मुख्य मुद्दा तो पुरूषवादी व्यवस्था द्वारा स्त्री पर सदियों से लादी गई गुलामी से मुक्ति और स्त्री सशक्तिकरण ही है। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से आत्मकथा की अन्तर्धारा में यह सच्चाई प्रवहमान नज़र आती है।

Answered by aj9686659
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Explanation:

कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढै बन माँहि।

ऐसैं घटि घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि।iss dohe sae kya sandesh milta hai

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