Hindi, asked by ashokjadhav0003, 6 months ago

कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढै बन माहिं ।
ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं ।।
जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ ।
जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ॥
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोउ तू फूल ।
तोहि फूल को फूल है, बाको है तिरसूल ।। meaning of first two paragraphs in Hindi​

Answers

Answered by poojashukla9
7

1)कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढै बन माहिं ।

ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं ।।

मृग के नाभि में कस्तुरी रहता है पर वह जंगल में ढूंढ़तेे रहती है।

ईश्वर सर्वत्र वत्र्तमान हैं परंतु दुनिया उन्हें देख नहीं पाती है।

2)जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ ।

जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ॥

जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ न कुछ वैसे ही पा ही लेते हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ ले कर आता है. लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते।

3)जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोउ तू फूल ।

तोहि फूल को फूल है, बाको है तिरसूल ।।

कबीरदास जी कहते हैं कि जो तुम्हारे लिए परेशानी या मुसीबत खड़ी करे, तुम उसके आचरण के विरोध में भी अपने अच्छे स्वभाव को बनाये रखो, इससे तुम्हारा स्वभाव और मन-बुद्धि शीतल रहेगी और उसने जो नफरत रुपी बीज तुम्हारे लिए बोये हैं उसका फल उसको ही मिलेगा ।

or

जो तुम्हारे लिए कांटा बोता है, उसके लिए तुम फूल बोओ अर्थात् जो तुम्हारी बुराई करता है तू उसकी भलाई कर। तुम्हें फूल बोने के कारण फूल मिलेंगे और जो कांटे बोता है उसे कांटे मिलेंगे तात्पर्य यह कि नेकी के बदले नेकी और बदी के बदले बदी ही मिलता है। यही प्रकृति का नियम है।

Similar questions