'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।
Answers
कस्तूरी कुण्डली बसै मृग ढ़ूँढ़ै बन माहि।
कस्तूरी कुण्डली बसै मृग ढ़ूँढ़ै बन माहि।ऐसे घटी घटी राम हैं दुनिया देखै नाँहि॥
हिरण की नाभि में कस्तूरी होता है, लेकिन हिरण उससे अनभिज्ञ होकर उसकी सुगंध के कारण कस्तूरी को पूरे जंगल में ढ़ूँढ़ता है। ऐसे ही भगवान हर किसी के अंदर वास करते हैं फिर भी हम उन्हें देख नहीं पाते हैं। कबीर का कहना है कि तीर्थ स्थानों में भटक कर भगवान को ढ़ूँढ़ने से अच्छा है कि हम उन्हें अपने भीतर तलाश करें।
Answer:
hi
'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।'कस्तूरी कुङलि बसै , मृग ढूंढै बन माँहि पंक्ति का भाव स्पष्ट किजिए।
Explanation: