Social Sciences, asked by vankarkalpanaben2874, 8 days ago

कसस्मंवित् िने िरनिर: नाम ससंह: प्रवतिसवत स्म । सः कदावित् इतस्ततः पठरभ्रमन् क्षुिातध: न दकविदवप आहारं प्राप्िान् । ततः सूयाधस्तसमये एकां महतीं गुहां दृष्ट्िा सः अविन्द्तयत् – “ नूनम् एतस्यां गुहायां रात्रौ कोऽवप जीि: आगच्छवत । अतः अत्रैि वनगूढो भूत्िा वतष्ठावम ” इवत । एतवस्मन्अन्द्तरे गुहाया: स्िामी दविपुच्छ: नाम शृगाल: समागच्छत्। स ि याित् पश्यवत ताित् ससंहपदपर्द्वत: गुहायां प्रविष्टा दृश्यते, न ि बवहरागता। शृगाल: अविन्द्तयत्-“अहो विनष्टोऽवस्म। नूनम् अवस्मन् वबले ससंह: अस्तीवत तकध यावम। तत्ककं करिावर् ?” I एकपदेन उत्तरत -
(i) क्षुिातध: ससंह: दकम् न प्राप्िान्? ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- (ii) एतवस्मनन् अन्द्तरे क: समागच्छत् ? ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------- II पूर्धिाक्येन उत्तरत
(i) शृगाल: दकम् अविन्द्तयत्?​

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Answered by viloyeputho
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this question is too taugh

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