कश्मीर का शिल्प उद्योग पूर्णतया पर्यटकों पर निर्भर था एवं उसका अंतर्देशीय बाज़ार विकसित नहीं था। इसी प्रकार आप के क्षेत्र में किसी शिल्प को किस प्रकार हानि पहुँची है तथा उसके क्या कारण हैं, इसका वर्णन करें।
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कश्मीर का शिल्प उद्योग पूर्णतया पर्यटकों पर निर्भर था एवं उसका अंतर्देशीय बाज़ार विकसित नहीं था। इसी प्रकार आप के क्षेत्र में किसी शिल्प को किस प्रकार हानि पहुँची है तथा उसके क्या कारण हैं, इसका वर्णन करें।
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उत्तर :- कश्मीर में शिल्प उद्योग उसके पर्यटन पर प्राचीन काल से ही निर्भर था। वहाँ बनने वाली गरम पोशाकें सिर्फ वहाँ पर आने वाली पर्यटकों तक ही पहुंचता हैं। वैसे इसका मूल कारण वहाँ पर मौजूद बाजार की संकीर्णता तथा चीजों की बड़े पैमाने पर विपणन करके की योजना में विफलता थी।
बाद में जब इसके ऊपर ध्यान दिया गया और विपणन के लिए अच्छे योजना बनाए गए, तब वहाँ के गरम पोशाकें देश-विदेशों तक पहुँचने लगा। ठीक इसी की ही भांति हमारे राज्य में भी संबलपूरी साड़ियों का यहीं हाल था, परंतु विपणन की योजना प्रस्तुत किया गया तो यह साड़ी भी विदेशों तक पहुँचने लगा।
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