६. 'कश्मीरी सेब' पाठ का आशय क्या है?
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‘कश्मीरी सेब’ पाठ का आशय बाजार में कोई वस्तु खरीदते समय होने वाले धोखेबाजी से सावधान रखना है।
‘कश्मीर सेब’ पाठ के माध्यम से लेखक यह बताना चाहता है कि जब भी हम बाजार जाएं और किसी वस्तु की खरीदारी करें तो हमें सतर्क रहना चाहिए और धोखेबाजी करने वालों से सावधान रहना चाहिए। यदि हम दुकानदार पर विश्वास करके बिना देखे-परखे किसी वस्तु को खरीद लेंगे तो हो सकता है हमें खराब वस्तु मिल जाए और घर आकर हमें पता चले कि वह वस्तु खराब है, तब हमारे साथ धोखा होगा। इसलिए बाजार में खरीदारी करते समय ही किसी वस्तु को खरीदारी करते समय उसे अच्छी तरह से देख लेना चाहिए।
लेखक के कहने का आशय यह है कि सामने वाला बेईमानी तभी कर सकता है जब उसे बेईमानी करने का अवसर मिलता है। इसलिए हमें बेईमानी करने वाले को ऐसा अवसर देना ही नहीं चाहिए और सावधान रहना चाहिए। इससे उसे हमसे धोखाधड़ी करने का अवसर नहीं मिल पाएगा।