Kasturi Mrig ke udaharan dwara Kabir Ne kis baat ko Siddh Kiya Hai . Sakhi path ke sandrbh mein likhiye 10th class 2mark question
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Answer:
कस्तूरी कुंडली बसै ,मृग ढूँढै बन माँहि।
ऐसैं घटि- घटि राँम है , दुनियां देखै
नाँहिं।।
कुंडली - नाभि
मृग - हिरण
घटि घटि - कण कण
Explanation:
कबीरदास जी कहते है कि जिस प्रकार एक
हिरण कस्तूरी की खुशबु को जंगल में ढूंढ़ता
फिरता है जबकि वह सुगंध उसी की नाभि में
विद्यमान होती है परन्तु वह इस बात से
बेखबर होता है, उसी प्रकार संसार के कण
कण में ईश्वर विद्यमान है और मनुष्य इस
बात से बेखबर ईश्वर को देवालयों और तीर्थों
में ढूंढ़ता है। कबीर जी कहते है कि अगर
ईश्वर को ढूंढ़ना ही है तो अपने मन में ढूंढो।
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Answer:
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