कतृवाच्य और कर्मवाच्य में अंतर स्पष्ट कीजिए
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कर्तृवाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है। (a) कर्मवाच्य में कर्म प्रधान और कर्त्ता गौण रहता है। (b) कर्तृवाच्य की क्रिया सदैव कर्त्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होती है। (b) कर्मवाच्य की क्रिया का रूप कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है।
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कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में अंतर:
(a) कर्तृवाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है। (a) कर्मवाच्य में कर्म प्रधान और कर्त्ता गौण रहता है। (b) कर्तृवाच्य की क्रिया सदैव कर्त्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होती है। (b) कर्मवाच्य की क्रिया का रूप कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है।
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