कत्यूर की घाटी का सौंदर्य वर्णन कीजिए।
: ठेले पर हिमालय ( धर्मवीर भारती )
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कौसानी की पर्वतमाला में स्थित कत्यूर की घाटी का अद्भुत सौंदर्य उनके सामने बिखरा पड़ा था। लेखक को लगा जैसे वह दूसरे लोक में पहुँच गए हों और इस धरती पर पाँव को साफ करके आगे बढ़ना चाहिए। लेखक को क्षितिज के धुँधलेपन में कुछ पर्वतों का आभास हुआ जिसके पीछे बादल थे।
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कौसानी की पर्वतमाला में स्थित कत्यूर की घाटी का अद्भुत सौंदर्य उनके सामने बिखरा पड़ा था। लेखक को लगा जैसे वह दूसरे लोक में पहुँच गए हों और इस धरती पर पाँव को साफ करके आगे बढ़ना चाहिए। लेखक को क्षितिज के धुँधलेपन में कुछ पर्वतों का आभास हुआ जिसके पीछे बादल थे।
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