कथा-आयोजन हेतु संदेश लखिए
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भगवान ने जिस रूप में भी अवतार लिया है, उसमें संसार के लोगों को गहरा संदेश दिया है। भगवान के दिए गए संदेशों को यदि जीवन में ग्रहण कर लिया जाए, तो अमूल्य मानव जीवन सार्थक हो जाएगा। यह संदेश संजय नगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के चतुर्थ दिवस आचार्य गोपाल शरण देवाचार्य महाराज ने दिया। कथा स्थल पर भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का अवतार महोत्सव मनाया गया।
व्यासपीठ से आचार्य गोपाल शरण देवाचार्य ने भक्तों को बताया कि भगवान श्रीराम का अवतार मनुष्यों को चरित्र सिखाने के लिए हुआ। भगवान श्रीराम की कथा को श्रवण करके मनुष्य को श्रीराम के द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलकर सुंदर चरित्र का पालन करते हुए इस जीवन को धन्य करना चाहिए। श्रीकृष्ण ने जो सुंदर लीला की है, उनकी लीला कथा को मनुष्य को निरंतर श्रवण करते रहना चाहिए क्योंकि श्रीकृष्ण की कथा सुन लेने मात्र से इस जीव का कल्याण हो जाता है। श्रीराम ने चरित्र का पालन किया और श्रीकृष्ण ने सुंदर लीला की।
श्रीकृष्ण का अवतार परिपूर्ण तम है। भगवान के अवतार लेने का उद्देश्य होता है। वे विप्र, धेनु, सुर, संत की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं। संतों के चरणों में लगकर हमारे मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। इसी तरह भगवान हमारी हर प्रकार की इच्छा पूर्ति के लिए स्वयं को अपनी स्थिति से नीचे लाते हैं। हम सब का भी कर्तव्य बनता है कि ऐसे दयालु कृपालु भगवान का गुणानुवाद अवश्य करें, उनसे प्रेम का रिश्ता बनाएं।