कथा लेखन
हरीश एक गरीब लड़का--पढ़ा-लिखा पर बेकार
एक दिन एक पर्स मिलना-पर्स में पाँच हजार रूपए
पर्स के अंदर से मालिक के नाम और पते वाला कार्ड
मिलना हरीश का पर्स के मालिक के पास जाना
और पर्स लोटाना-सालिकका खुश
अपनी फैक्टरी
में हरिश को काम देना मेनेजर बनना
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Answer:
निम्नांकित संकेत पढ़ें।
एक राजा – मंत्री ईमानदार और समझदार – रात को राजा का जाग उठना – मंत्री को कमरे में चिंतित देखना – गत साल फसल की कमी – कर वसूली में वृद्धि – राजा मंत्री से प्रभावित – अगले साल आधा लगान वसूल करने का निर्णय – राजा और मंत्री दोनों खुश।
प्रश्न.
संकेतों की सहायता से कहानी की पूर्ति करें।
उत्तर
अन्याय का धन
किसी देश में सुजानसिंह नाम का राजा राज करता था। राजा का मंत्री हिम्मतसिंह नेक, ईमानदार तथा बहुत समझदार था। राजा सुजानसिंह हिम्मतसिंह का बहुत आदर करते थे।
एक दिन अचानक रात में सुजानसिंह की नींद खुल गई। वे अपने कमरे से बाहर निकले तो उन्होंने देखा, मंत्री हिम्मतसिंह के कमरे में प्रकाश हो रहा था। राजा वहाँ पहुँचे। उन्होंने झाँककर देखा तो मंत्रीजी गहरी चिंता में डूबे हुए दिखाई पड़े। सुजानसिंह मंत्रीजी के कमरे में दाखिल हुए। उन्होंने मंत्री जी से पूछा – “मंत्री जी, आप इतने चिंतित क्यों हैं? क्या राज्य पर कोई भारी विपत्ति आ पड़ी है?” हिम्मतसिंह ने अपनी चिंता का कारण बताते हुए कहा – “महाराज, गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष के लगान की वसूली अधिक है। अधिक वसूली का कारण जानने केलिए ही में चिंतित हूँ।” राजा बोले . “आमदनी कम तो नहीं हुई, बढ़ गयी है न? रात बहुत हो चुकी है। अब आप सो जाइए।
कल इस विषय पर विचार किया जाएगा।” मंत्री जी चिंतित स्वर में बोले – “गरीब किसान बडे परिश्रम से अन्न अपजाता है। प्रजा को दुःखी करके कोई भी राजा सुखी नहीं हो सकता और न ही उसका शासन अधिक दिनों तक चलता है। राजा को मंत्री की बात उचित लगी। अगले दिन सुबह उन्होंने घोषणा कर दी कि अगले वर्ष से आधा लगान ही वसूल कर लिया जाएगा। राजा के इस निर्णय से मंत्री हिम्मत सिंह के साथ साथ राज्य की प्रजा भी बहुत खुश थी।
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