India Languages, asked by srushtichorat89, 19 days ago

कथा लेखन
राजा, गुलाम, फाशी,जंगल, वेदना ,सिंह,काटा, पिंजरा,पायचाटणे​

Answers

Answered by pappupragati
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Explanation:

एक बार की बात है एक राजा था ।वह बहुत मूर्ख था उसने सभी चीजों के दाम एक अठन्नी और दो अठन्नी तक ही रखे थे एक एक बार वहां पर एक गांव से एक पंडित और उसका एक शेर से आया ।जब वह नगर के अंदर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बहुत अच्छा नगर है सर के वीरा बालक है और बहुत सारी इमारतें हैं तो उन्होंने एक एक लड़की से पूछा कि यह नगर किसका है कौन इस इटली सुंदरनगर का मालिक है आप कहां से आए हैं लड़की ने पहले पूछा ।पंडित ने कहा हम दूर से दूर के एक गांव से आए हैं हम हमने जब यह नगर देखा तो हमने सोचा इस नगर में दो-तीन दिन रात गुजार के फिर आगे चलेंगे ।यह नगर एक मूर्ख राजा का है ,जिसने हम लोगों का जीना दबा कर रखा है सभी चीजें एक अठन्नी दो हटाने के अंदर ही होती है ।जैसी पंडित ने उस लड़की की बात सुनी उसने कहा अपने शिष्य से कि चलो हम लोग इस नगर में नहीं रहेंगे।चलो जल्दी चलो ,यहां का राजा बहुत मूख है अगर हम लोगों को भी फसा लेगा तो हम लोग बहुत मुश्किल में पहुंच जाएंगे ।पर शिष्य तो बड़ा प्रश्न था कि वहां पर सभी चीजें अठन्नी मैं मिलती थी इसलिए वह जाने को तैयार नहीं था तो उसे छोड़कर पंडित खुद चला गया पूजा बाजार में क्या तो सही में सारी चीज़े अठन्नी एक अठन्नी और टूटनी में मिल रही थी इसलिए वह सभी चीजों का आनंद लेने लगा ।उसी रात राज महल की एक चीज एक सोने की चीज चोरी हो गई तुम मूर्ख राजा ने आदेश दिया कि जो भी जो भी व्यक्ति इस नगर में नया आया है उसको मेरे सामने प्रस्तुत किया जाए तो सिपाही की शिष्य को भी महाराज के पास ले गए और शिष्य को पिंजरे में बंद कर दिया ।और उसे गुलाम बना दिया बाद में जब उसे हे महाराज के सामने पेश किया गया तो उसी को उसको फांसी की सजा सुनाई गई ,जब उसे अंतिम इच्छा पूछी गई तो उसने कहा कि मैं अपने प्रिय गुरु को बुलाना चाहता हूं तो उसके अंतिम इच्छा के अनुसार उसके प्रिय गुरु को बुलाया गया ।जब पंडित को सारी बात पता चली तो उन्होंने पंडित से भेजना कि कि वह उसके शिष्य को छोड़ दे पर महाराज तो मानने को तैयार नहीं थे तो पंडित ने कहा कि मैं अपने शिष्य से कुछ समय अकेले में बात करना चाहता हूं महाराज ने अनुमति दे दीऔर उन्हें एक कमरे में जाने दिया उन्होंने एक एक शरियत सोचा तभी जब तभी शिष्य ने देखा कि उनके गुरु के हाथ में हल्की सी चोट है शिष्य ने पूछा गुरु यह चोट आपको कैसी लगी गुरु ने कहा मैं शिव शंकर के रास्ते से आ रहा था तब एक सिंह ने मुझ पर हमला कर दिया और काटा, थोड़ी सी चोट लगी थी तभी सैनिक आकर मुझे बचा लिए और मुझे महल ले आए ।तब उन्होंने तय किया कि महाराज को क्या कहना है उन्होंने महाराज गोगा महाराज स्पेलिंग में फांसी चलना चाहता हूं शिष्य ने भी कहा मैं मैं मैं पहचान चढूंगा में ऐसा सुनकर महाराज ने उनसे पूछा तुम दोनों पहले पहले क्यों कर रही हो मुझे कारण बताओ पंडित ने कहा यह समय बहुत शुभ है इस समय जो भी अब आप ही से है पैसे को लगाके स्वर्ग जाता है उसे अगले जन्म में बहुत सा राज्य धन सोना सब मिलता है ऐसा सुनकर राजा खुद फांसी पर चढ़ा दिया और फिर चाचा बहुत खुश हुई और पंडित को अपना राजा कोशिश किया और उसके शिष्य ने उस लड़की से शादी कर ली और वह तीनों खुशी खुशी खुशी अपनी प्रजा के साथ रहने लगे ।

*धन्यवाद *

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