कठपुतली चैप्टर से मैंने क्या सीखा
Answers
Answer:
MARK ME THE BRAINLIEST PLZPLZ
Explanation:
प्रस्तुत कविता ” कठपुतली ” के कवि भवानी प्रसाद मिश्र जी इस कविता के माध्यम से हमें बताना चाहते है कि जब आप पर किसी की जिम्मेदारी होती है तो आपको एक – एक कदम सोच – समझकर रखना चाहिए। इस कविता में कठपुतलियाँ स्वतंत्रता की इच्छा से स्वयं अपनी बात व्यक्त कर रही हैं। उनके समक्ष स्वतंत्रता को साकार बनाने वाली अनेक चुनौतियाँ हैं। धागे में बँधी हुई कठपुतलियाँ पराधीन हैं। इन्हें दूसरों के इशारे पर नाचने से दुख होता है। दुख से बाहर निकलने के लिए एक कठपुतली विद्रोह कर देती है। वह अपने पाँव पर खड़ी होना चाहती है। उसकी बात सभी कठपुतलियों को अच्छी लगती है। वे भी उसके साथ स्वतन्त्र होना चाहती हैं। स्वतंत्र रहना कौन नहीं चाहता ! लेकिन , जब पहली कठपुतली पर सबकी स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है , वह सोच – समझकर कदम उठाना जरूरी समझती है।