Hindi, asked by Thvisa, 6 months ago

कठपुतली के बारे में 7 वाक्य लिखिए​

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Answered by pradeepji1382
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प्राचीन इतिहास से जुड़ी कथाओं के अनुसार 400 ईसा पूर्व संस्कृत के व्याकरण के जनक पाणिनि के प्रसिद्ध ग्रंथ अष्टाध्यायी में कठपुतली (पुतला नाटक) का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है. कहा जाता है, कि एक बार भगवान् शंकर ने रूठी हुई देवी पार्वती को मनाने के लिए लकड़ी की बनी एक आकृति में बैठकर इस कला की शुरुआत की थी. इसके अतिरिक्त उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की सिंहासन बतीसी कथा में भी 32 पुतलियों का उल्लेख मिलता है. आजकल इस कठपुतली कला का व्यापक प्रचार हो चूका है. भारत के अतिरिक्त कई अन्य एशियाई देशों में भी यह कला प्रसिद्ध है. इनका उपयोग विशेष रूप से शिक्षा कार्यक्रमों, रिसर्च कार्यक्रमों, विज्ञापनों में तेजी बढ़ रहा है.

कठपुतली नाटकों में पौराणिक कथाएँ, किवदंतियों तथा लोक देवी देवताओं से जुड़ी कथाओं तथा प्रेरक प्रसंग की महती भूमिका रही है. राजस्थान में इस कला की प्रमुख कथाओं की बात की जाए तो यहाँ अमर सिंह राठौड़, पृथ्वीराज, हीर-रांझा, लैला-मजनूं और शीरीं-फ़रहाद की कथाएँ काफी चर्चित है, और इन पर कठपुतली के नाटक प्रदर्शित किये जाते है. भारत में यह कला 2 हजार साल पुरानी है. आज लोगों के बिच मनोरंजन के ढेरों इलेक्ट्रोनिक साधन उपलब्ध है. एक समय था जब लोक नाटक या कठपुतलियाँ ही मनोरंजन का मुख्य साधन हुआ करती थी.

u can choose the lines from it

Answered by ᴅʏɴᴀᴍɪᴄᴀᴠɪ
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Answer:

कठपुतली विश्व के प्राचीनतम रंगमंच पर खेला जाने वाले मनोरंजक कार्यक्रम में से एक है कठपुतलियों को विभिन्न प्रकार की गुड्डे गुड़ियों, जोकर आदि पात्रों के रूप में बनाया जाता है इसका नाम कठपुतली इस कारण पड़ा क्योंकि पूर्व में भी लकड़ी अर्थात काष्ठ से बनाया जाता था इस प्रकार काष्ठ से बनी पुतली का नाम कठपुतली पड़ा। प्रत्येक वर्ष २१ मार्च को विश्व कठपुतली दिवस भी मनाया जाता है।

धन्यवाद

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