कठपुतली कविता में किन बुराइयों पर व्यंग्य किया गया है? ये बुराइयाॅ समाज में किस प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न करती हुई दिखती हैं? उदाहरण देते हुए लिखिए.(class 12 ch-24).
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व्यक्तिगत स्वच्छंदता पर व्यंग्य किया गया है इस कविता में। जहां लोग आज भी स्वच्छंद नहीं हो पाए हैं और जुल्म और अत्याचार को सहन कर रहे हैं। जिसका अंत सबको मिलकर करना चाहिए।
कठपुतली कविता में सर्वप्रथम जिन बुराइयों पर व्यंग्य किया गया है वह नारी को बांधकर रखने की उनपर अनावश्यक बंदिशें लगाने पर व्यंग्य किया गया है।
कठपुतली को भी बांधकर फिर अपनी मर्जी से नचवाया जाता है। कठपुतली भी समाज की औरतों की तरह स्वच्छंद होना चाहती है क्योंकि वह भी बंदिशों से तंग आ चुकी है।
कठपुतली बंदिशों से डटकर आगे बढ़ना चाहती है मगर फिर उसे लगता है कि वह सक्षम नहीं है मगर जब सारी कठपुतलियों के स्वतंत्रता का भार उस पर आता है तो वह आगे बढ़ती है और डरती भी है कि कहीं उससे कोई चूक न हो जाएं। कुछ ग़लत न हो जाएं।
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Hiiii
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