Hindi, asked by sbharathir, 9 months ago

कठपुतली पाठ का साराांश कक्षाकार्य में ललखना ह

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Answered by manjaykumardrcc95
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कठपुतली कविता में कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने कठपुतलियों के मन की व्यथा को दर्शाया है। ये सभी धागों में बंधे-बंधे परेशान हो चुकी हैं और इन्हें दूसरों के इशारों पर नाचने में दुख होता है। इस दुख से बाहर निकलने के लिए एक कठपुतली विद्रोह के शुरुआत करती है, वो सब धागे तोड़कर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है। अन्य सभी कठपुतलियां भी उसकी बातों से सहमत हो जाती हैं और स्वतंत्र होने की चाह व्यक्त करती हैं। मगर, जब पहली कठपुतली पर सभी की स्वतंत्रता की ज़िम्मेदारी आती है, तो वो सोच में पड़ जाती है।

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