Katie कबीर अपने युग के सच्चे प्रतिनिधि थे उक्ति की समीक्षा कीजिए का
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कबीर आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी कही गई बातें आज भी हम सभी के लिए अंधेरे में रोशनी का काम करती हैं.
कबीरदास जी एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने युग में व्याप्त सामाजिक अंधविश्वासों, कुरीतियों और रूढ़िवादिता का विरोध किया।
कबीर दास जी कहते हैं कि मनुष्य जीवन तो अनमोल है इसलिए हमें अपने मानव जीवन में किसी को दुःख नहीं चाहिए बल्कि हमें अपने अच्छे कर्मों के द्वारा अपने जीवन को उद्देश्यमय बनाना चाहिए।
कबीर दास जी के दोहे हमें आज भी आगे बढ़ने की शिक्षा और प्रेरणा देते है।
कल का काम आज ही खत्म करें और आज का काम अभी ही खत्म करें. ऐसा न हो कि प्रलय आ जाए और सब-कुछ खत्म हो जाए और तुम कुछ न कर पाओगे।
हमेशा ऐसी बोली और भाषा बोलिए कि उससे आपका अहम न बोले. आप खुद भी सुकून से रहें और दूसरे भी सुखी रहें। मनुष्य को सबके साथ अच्छा व सच्चा व्यवहार करना चाहिए।
Katie Kabir was a mystic poet and saint of 15th-century in Indian. He is regarded as the true representative of his time.
His writings are reported by scholars to have influenced Hinduism and related Bhakti movement. Kabir wrote verses which are found in the form of Sikhism's scripture Guru Granth Sahib, a holy book of Sikhs.
His most phenomenal writings are included in his Doha’s.The birth of Kabir remains mysterious and full of legends. He is believed to have descended from Satlok or Heaven and settled on a flower in a lake.
An unmarried couple present there decided to take the new-born baby home. Kabir was not taken a human birth, he did not bear of pregnant women, rather he had descended from heaven in the form of a new-born baby