कड़बक(1)एक नैन कबि मुहमद गुनी । सोइ बिमोहा जेई कबि सुनी ।चाँद जइस जग बिधि औतारा । दीन्ह कलंक कीन्ह उजिआरा ।जग सूझा एकइ नैनाहाँ । उवा सूक अस नखतन्ह माहाँ ।जौं लहि अंबहि डाभ न होई । तौ लहि सुगंध बसाइ न सोई।कीन्ह समुद्र पानि जौं खारा । तौ अति भएउ असूझ अपारा ।जौं सुमेरु तिरसूल बिनासा । भा कंचनगिरि लाग अकासा ।जौं लहि घरी कलंक न परा । काँच होइ नहिं कंचन करा ।एक नैन जस दरपन
Answers
Answered by
1
Answer:
कङबक के लिए तैयार नहीं है
Similar questions