Hindi, asked by kashishpatel09565, 10 months ago

कवि अग्नि के समान धधकने को क्यों कह
रहा है। Ruke na tu kavita me. ​

Answers

Answered by PapaPrincessUrvashi
8

I do not know the answer to this poem but still I am telling you the meaning of this poem.

I hope that it will help you.(•‿•)

भावार्थ- हरिवंश राय बच्चन जी ने हमें इस कविता के द्वारा यह बताया है की धरती हिल रही है और आसमान गूंज रहा है, नदी बह रही है और हवा चल रही है यह सभी तेरी विजय की कामना कर रहे हैं। जीतने के लिए तेरी हर भुजा फड़क रही है, तेरे रक्त में संचार बढ़ रहा है अब तू तैयार हो जा और धनुष उठा और प्रहार कर, तू अग्नि की तरह धधक सकता है, हिरण की तरह सजग और शेर की तरह दहाड़ सकता है। तेरी इतनी पुकार है कि शंख की तरह तू चारों और पुकार सकता है। हरिवंश राय बच्चन जी आग कहते है कि तू लगातार चलता रहे, कभी भी रुका ना रहे, तू कभी भी थकेगा नहीं, किसी के आगे झुकेगा भी नहीं तू सदा चलता रहे और तू अपने कार्य में विजय पाएगा।


kashishpatel09565: Thanku so much....
Answered by preetikaji95
0

Answer:

कवि किसकी विजय की बात कर रहा है

Similar questions