कवि बिहारी के आराध्य कौन थे श्री राम बलराम श्री कृष्ण एबीसी
Answers
Bikhari ke aaradhya shree krishan the
Answer:
कवि बिहारी के आराध्य देव श्री कृष्ण जी थे।
Explanation:
कवि बिहारी के आराध्य देव श्री कृष्ण जी थे। हम उन्हें उनके दोहो में देख सकते है।
किस तरह वह इस दोहे में श्री कृष्ण को आराध्य बताते है।
“मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाई परे, स्याम हरित दुति होय॥”
अर्थ – इस दोहे के माध्यम से कवि ने कहा है कि हे श्री राधे जी मेरे जीवन में खुशहाली प्रदान करके मेरे कष्ट और बाधा को वैसे हीं दूर करें जैसे मेरे आराध्य श्री कृष्ण आपके छाया मात्र से अर्थात आपके सानिध्य मात्र से श्याम वर्ण से हरे वर्ण के हो जाते हैं यानी प्रफुल्लित हो जाते हैं।
“बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाय।
सोह करे, भौंहनु हंसे दैन कहे, नटि जाय॥”
अर्थ – श्रीकृष्ण से बात करने की लालसा में गोपियाँ श्रीकृष्ण की बांसुरी को छुपा देती हैं ताकी श्रीकृष्ण के बांसुरी मांगने पर उनसे बात कर सकें, परन्तु जब वो बांसुरी मांगते हैं तो वो अपने भौहों को ऐसे बनाती हैं जैसे वो सौगंध खा रहीं हों कि इनको बांसुरी के बारे में तनिक भी पता नहीं। श्रीकृष्ण इनके झूठ को समझ जाते हैं और पुनः मांगते हैं परन्तु ये मना कर देती हैं।