Hindi, asked by khushi4750, 11 months ago

कविः चातकं किम् उपदिशति ?

Answers

Answered by RewelDeepak
1

Answer:

भावार्थ - ओ मेरे मित्र चातक पक्षी ! मेरी यह बात ध्यानपूर्वक सुनो | इस आकाश में

Answered by namanyadav00795
0

कवि: उपदिशति "यत् स: सर्वेषां पुरतः दीनं वचः न ब्रूयात्"।

रे रे चातक ! सावधानमनसा मित्र ! क्षणं श्रुयतम् |

अम्भोदा बहवो हि सन्ति गगने सर्वे अपि नैतादृशा: ||

केचिद् वृष्टिभिरार्द्रयन्ति वसुधाम् गर्जन्ति केचिद् वृथा |

यं यं पश्यसि तस्य तस्य पुरतो मा ब्रूहि दीनम् वच: ||

अर्थात्

हे चातक ! तुम क्षणभर सावधानी से मेरी बात सुनो | आकाश में सभी बादल उदार नहीं होते | उनमे से कुछ ही धरा को वर्षा से भिगोते हैं और कुछ व्यर्थ में ही गरजते हैं | तुम जिस जिस बादल को देखते हो उन सभी से दीनतापूर्ण वचन मत कहो |

More Question:

नीचसङ्गेन का वर्धते ?

https://brainly.in/question/15932827

Similar questions